Ram ko dekh kar Shri Janak Nandini歌词由Mukul Vashisth演唱,出自专辑《Ram ko dekh kar Shri Janak Nandini》,下面是《Ram ko dekh kar Shri Janak Nandini》完整版歌词!
Ram ko dekh kar Shri Janak Nandini歌词完整版
श्री राम को देख कर
माँ जनक नंदिनी,
राम को देख कर
माँ जनक नंदिनी,
बाग़ में जा खड़ी की खड़ी रह गयी,
बाग़ में जा खड़ी की खड़ी रह गयी,
राम देखे सिया माँ सिया राम को,
राम देखे सिया माँ सिया राम को,
चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी…
चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी…
थे जनक पुर गये देखने के लिए,
सारी सखियाँ झरोखन से झाखन लगीं ....
थे जनक पुर गये देखने के लिए,
सारी सखियाँ झरोखन से झाखन लगीं ....
देखते ही नजर मिल गयी दोनों की
देखते ही नजर मिल गयी दोनों की
जो जहाँ थी खड़ी की खड़ी रह गयी॥
जो जहाँ थी खड़ी की खड़ी रह गयी॥
श्री राम को देख कर
माँ जनक नंदिनी,
बाग़ में जा खड़ी की खड़ी रह गयी,
राम देखे सिया माँ सिया राम को,
राम देखे सिया माँ सिया राम को,
चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी…
चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी…
बोली है एक सखी राम को देखकर,
रच दिए हैं विधाता ने जोड़ी सुघर।
बोली है एक सखी राम को देखकर,
रच दिए हैं विधाता ने जोड़ी सुघर।
पर धनुष कैसे तोड़ेंगे वारे कुंवर,
पर धनुष कैसे तोड़ेंगे वारे कुंवर,
सब में शंका बनी की बनी रह गयी॥
सब में शंका बनी की बनी रह गयी॥
श्री राम को देख कर
माँ जनक नंदिनी,
बाग़ में जा खड़ी की खड़ी रह गयी,
राम देखे सिया माँ सिया राम को,
राम देखे सिया माँ सिया राम को,
चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी…
चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी…
बोली दूजी सखी छोटन देखन में है,
पर चमत्कार इनका नहीं जानती।
बोली दूजी सखी छोटन देखन में है,
पर चमत्कार इनका नहीं जानती।
एक ही बाण में ताड़िका राक्षसी,
एक ही बाण में ताड़िका राक्षसी,
उठ सकी ना पड़ी की पड़ी रह गयी॥
उठ सकी ना पड़ी की पड़ी रह गयी॥
श्री राम को देख कर
माँ जनक नंदिनी,
बाग़ में जा खड़ी की खड़ी रह गयी,
राम देखे सिया माँ सिया राम को,
राम देखे सिया माँ सिया राम को,
चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी…
चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी…
चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी…