Ghoshna (Panchtatva)歌词由the shloka演唱,出自专辑《Ghoshna (Panchtatva)》,下面是《Ghoshna (Panchtatva)》完整版歌词!
Ghoshna (Panchtatva)歌词完整版
तन मन मोरा हर कण
अर्पण तोपे भगवन
आए जो कोई अड़चन
साथ मेरे तू हरदम
Verse
प्रस्तुत फिर से एक बार है
श्लोक के स्वर में पेशकश
यह अद्भुत सा संगीत मेरा
भगवन के चरण रहा पेश कर
श्लोक वेद सा छपा है
कोई देख तो मिटा के
मेरी शैली का कोई भी
यहां एक तो दिखा दें
सब झेल के बना है
बस तेज से जला दें
तो भिड़े ना कोई भी
हर एक को बता दें
इस एक के बराबर ना सब मिलकर
जब लड़ना बताकर ना सबलिमिनल
गर भिड़ना पताकर के श्लोक कौन है
नहीं करना अनादर आ पढ़ लिख कर
यहां लड़के चमचे इन संगठनों के
सब धन पे चलते ना दम टखनों में
इन्हें लड़ते देखूं उस पद के लिए
जिस पद के तख्ते बने छल कपटों से
मैं चर्चों से गुम रहूं हमवतनों में
और वर्षों से चुन रहा धन शब्दों के
तभी शब्दों में गुण मिले नवरत्नों के
नहीं पंहुचोगे मुझ तक दस जन्मों मेंं
Bridge:-
भूमि जल से है सींचे बरखा
नभ जलविहीन
ताप ,जल, बदरा, वायु जबकि
नभ के अधीन
Verse:-
हर खंड है भगवन पर अर्पण
करूं नृत्य शब्द से नर्तक बन
जब गर्जन करता गर्दन मेरा
सब दंग सभा में दर्शक गण
पला बढ़ा यह लाल
बड़ा जला कर खाल
जब पता ना हो बात
थोड़ा बजा कम गाल
चल लगा कोई जाल
चल चला कोई चाल
अब हला छोड़े गला
और कला बने काल
मेरे गिरने की कितनों इच्छा अधूरी
ये उनके लिए जिन्हें दिखता ना खूबी
अबे पहले समझ फिर कर टिप्पणी
मुझे सुनने के लिए है शिक्षा जरूरी
जहां नागरिक ये , मैं अनुवांशिकता हूं
मिले हार्दिक प्रेम ,ऐसा बार लिखता हूं
भले धार्मिक सा हूं पर तार्किकता दूं
मैं हूं शाब्दिक धनी इन्हें ज्ञान भिक्षा दूं
उस 'ॐ' का करुं मैं बड़ा आदर
तो 'ॐ' से मांगो क्षमा बालक
ये बस आरंभ के 'श्लोक' हैं अभी
अभी बचा हुआ पूरा महाभारत