Itihaas Ke Har Panne歌词由Himanshi Bokadiya演唱,出自专辑《Itihaas Ke Har Panne》,下面是《Itihaas Ke Har Panne》完整版歌词!
Itihaas Ke Har Panne歌词完整版
छोटे सा दीपक हु
किसी कोने को सजाऊंगा
नही हु में कोई सूर्य
जो शाम होते ही ढल जाऊंगा
सागर बनने का शौख नही मुझे
किसी झरने सा बह जाऊंगा
किसीकी प्यास बूजाने
में तो काम आऊंगा
इतिहास के हर पन्ने में
अपना नाम रोशन कर जाऊंगा
महल बनने का शौख नही रखता
किसीका आशियाना बन जाऊंगा
खाली जेबो में भरकर सितारे
किसीकी राते में सजाऊंगा
कंकड़ बनने का शौख नही मुझे
पत्थर सा में ढल जाऊंगा
खा के उसके हाथों की मार
में भी मूर्ति सा बाहर आऊंगा
इतिहास के हर पन्ने में
अपना नाम रोशन कर जाऊंगा
धूप ना बन सकू में तो
छाँव सा निखर आऊंगा
भूख ना मिटा सकू किसीकी तो
उसके हक़ का में नही खाऊंगा
पौंछ ना सकू उसके आंसू तो
नन्ही सी मुस्कान बन जाऊंगा
भरकर उसके जीवन मे खुशी
में भी बिखर जाऊंगा
इतिहास के हर पन्ने में
अपना नाम रोशन कर जाऊंगा
बेज़ुबान नही हु में
सब्र से लड़ जाउँगा
कठीन चाहे हो रास्ता
खामोशी से पार कर जाऊंगा
हवा नही हु में
जो छूके गुज़र जाऊंगा
में हु वो साँसे
जो मरते दम तक साथ निभाउंगा
इतिहास के हर पन्ने में
अपना नाम रोशन कर जाऊंगा..