Sumatinath Gun Shu Mili Ji歌词由Vikram krupa演唱,出自专辑《Sumatinath Gun Shu Mili Ji》,下面是《Sumatinath Gun Shu Mili Ji》完整版歌词!
Sumatinath Gun Shu Mili Ji歌词完整版
सुमतिनाथ गुणशुं मिलीजी, वाधे मुज मन प्रीति;
तेल बिंदु जिम विस्तरेजी, जलमांही भली रीति,
सौभागी जिनशुं लाग्यो अविहड रंग..
वितरागी जिनशुं लाग्यो अविहड रंग..
सज्जनशु जे प्रीतडीजी, छानी ते न रखाय;
परिमल कस्तुरी - तणोजी, मही - मांहे महेकाय,
अंगुलीये नवि मेरु ढँकाये, छाबडी ऐ रवि तेज,
अंजलिमां जिम गंग न माये, मुज मन तिम प्रभु हेज़,
हूओ छीपे नहीं अधर अरुण जिम, खाता पान सुरंग,
पीवत भर भर प्रभुगुण प्याला, तिम मुज प्रेम अभंग...
ढाँकी इक्षु परालशु जी, न रहे लही विस्तार,
वाचक यश कहे प्रभु तणोजी, तिम मुज प्रेम प्रकार।