Din Guzra歌词由Kaizad Patel演唱,出自专辑《Din Guzra》,下面是《Din Guzra》完整版歌词!
Din Guzra歌词完整版
दिन गुजरा, शाम ढली, शाम ढली और रात हुई !
दिन गुजरा, शाम ढली, शाम ढली और रात हुई !
सोच तेरी सब वक़्त भुला दे, ये भी भला कुछ बात हुई !
सोच तेरी सब वक़्त भुला दे, ये भी भला कुछ बात हुई !
दिन गुजरा, शाम ढली,
शाम ढली और रात हुई !
तेरा आना पल दो पल का
तेरे जाना देता तड़प
होऔऔ...........।
तेरा आना पल दो पल का
तेरे जाना देता तड़प
तुझको माना मालिक दिल का
जितना तू चाहे उतना खरच !
सच्ची वफ़ा का मोल कहा है,
हरतरफ़ा बस मात हुई।
दिन गुजरा, शाम ढली,
शाम ढली और रात हुई !
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तेरा दामन छूके लगा यूं , साथ तेरे हम तर जाएंगे
तेरा दामन छूके लगा यूं , साथ तेरे हम तर जाएंगे
तुजसे बिछड़े अबके जाना, सचमुच के ही मर जाएंगे !
फिर न तड़पना, ये न कहना
अपनी क्यों मुलाकात हुई !
फिर न तड़पना, ये न कहना
अपनी क्यों मुलाकात हुई !!
दिन गुजरा, शाम ढली,
शाम ढली और रात हुई !
सोच तेरी सब वक़्त भुला दे
ये भी भला कुछ बात हुई !