Maa Kushmanda Aarti歌词由Avijit Das演唱,出自专辑《Maa Shailputri Aarti》,下面是《Maa Kushmanda Aarti》完整版歌词!
Maa Kushmanda Aarti歌词完整版
जय कुष्मांडा माता, ॐ जय श्यामा गौरी |
तुमको निशिदिन ध्यावत , हरी ब्रह्मा शिवरी ||
ॐ जय कुष्मांडा मैया |
चौथा जब नवरात्र हो, कुष्मांडा को ध्याते।
जिसने रचा ब्रह्माण्ड यह, पूजन है करवाते॥
पूजन है करवाते॥
आध्शक्ति कहते जिन्हें, अष्टभुजी है रूप।
इस शक्ति के तेज से, कहीं छाव कही धुप॥
कहीं छाव कही धुप॥
कुम्हड़े की बलि करती है तांत्रिक से स्वीकार।
पेठे से भी रीज्ती, सात्विक करे विचार॥
सात्विक करे विचार॥
क्रोधित जब हो जाए यह उल्टा करे व्यवहार।
उसको रखती दूर माँ, पीड़ा देती अपार॥
पीड़ा देती अपार॥
सूर्य चन्द्र की रौशनी यह जग में फैलाए।
शरणागत की मैं आया , तू ही राह दिखाए॥
तू ही राह दिखाए॥
नवरात्रों की माँ कृपा करदो माँ। नवरात्रों की माँ कृपा करदो माँ॥
जय माँ कुष्मांडा मैया।
माँ कुष्मांडा जी की आरती , जो कोई नर गाता ,
उर आनंद समता, पाप उतर जाता
जय कुष्मांडा माता ॐ जय कुष्मांडा माता
मैया जय कुष्मांडा माता