Pishaach歌词由Pishaach演唱,出自专辑《Pishaach》,下面是《Pishaach》完整版歌词!
Pishaach歌词完整版
कभी दिल के ख्वाइशें पुरे होते है नहीं
कितने सपने जल के राख हो गए अभी
गाने भी सुनके बेसुरे लगते है क्यूँ?
कितने आंसूं अब आँखों से बहते नहीं
आखिर क्यूँ? मै ही क्यूँ?
सेहता जायूँ सज़ाएं
जीने का मक्षत क्या?
रोज़-रोज़ घटता है ये
रातो की, परछाइयों में मैं घूमता
खोज में, आशाएं मैं ढूंढ़ता
कहाँ है ख़ुशी, यही मै हरपल सोचता
भटकता हूँ रास्तों में जैसे की हूँ
एक बंजारा पिशाच
एक बंजारा पिशाच
एक बंजारा पिशाच
धुंदले इन बंदिशों मैं रहता हूँ मै
जाऊं तो जाऊं अंधेरो में कहाँ?
बिखरे इन कोशिशों में उलझा हूँ मैं
तड़पाये रौशनी और खुला आसमां
आखिर क्यूँ? मुझे ही क्यूँ?
हर कोई धोखा देता है
ज़ख्मो पे हस्ता हूँ
भाबनाए सब झूठे है
रातों की परछाइयों में, मै घूमता
रातों की परछाइयों में, मै घूमता
रातो की, परछाइयों में मैं घूमता
खोज में, आशाएं मैं ढूंढ़ता
कहाँ है ख़ुशी, यही मै हरपल सोचता
भटकता हूँ रास्तों में जैसे की हूँ
एक बंजारा पिशाच
एक बंजारा पिशाच
एक बंजारा पिशाच