Micchami Dukkdam歌词由Akhil Purohit演唱,出自专辑《Micchami Dukkdam》,下面是《Micchami Dukkdam》完整版歌词!
Micchami Dukkdam歌词完整版
मिच्छामि दुक्कड़म कहे छोड़कर क्रोध की दुनिया आज
मिल जाये क्षमा का दान
मन क्षमा का है प्यासा प्रभु बहे नैनो से अश्रु धार
मिल जाये जाए ,
क्षमा का दान
नैनो में है शोले ,मन में भरी ज्वाला
ये जीभ तेरी उगले , जहर का प्याला
धमकाया तरसाया डराया दुत्कारा
क्या क्या नही किया, कितनो को गिराया
इस पापमय व्यवहार की माँगो
क्षमा तुम आज
हो जाएगा उद्धार
मिच्छामि..
अन्याय अनीति का, लेकर के सहारा
हक छीना दुसरो का , छल बल से मारा
संस्कृति सद्भभाव, के नियमो को भुला
इन्द्रिय सुखों का ,नित पलना है झूला
लज्जा भरी आंखो से भावमय ,विनंती करते आज
कर दो ये उपकार
मिच्छामि....
प्रवीणयश कहे, कर्मो को अब खपाना
जो भूल कोई भी हुई ,है वीर हमे बचाना
मझधार अटकी है, हम सब की नैया
अखिल के खैवया, सबकी पार लगाओ नैया
कर जोड़ संगी खमाये सभी को
मिल जाये क्षमा दान
मिच्छामि दुक्कड़म दे दो आज
मिच्छामि....